RPF कर्मियों को अवैध बालू खनन करते गांव वालों ने पकड़ा-थाने को सौंपा-जानिए
घटना दक्षिण-पूर्व रेलवे के खड़गपुर आरपीएफ ट्रेनिंग सेंटर के आरपीएफ कर्मिय़ों से संबधित है। पुरे भारत में कोरोना महामारी के कारण लाकडाउन है,पर RPF/ZTI/खड़गपुर के लिए कोई लाकडाउन नहीं है।
दिनांक 6/4/2020 को RPF/ZTI/खड़गपुर के करीब 5-7 कर्मियों, जिसमें दो वर्दी में थे और शेष सिविल ड्रेस में थे को खड़गपुर मिदनापुर के मध्य कंसावती,जो कासाई नदी के नाम से भी जाना जाता है,के पास लॉकडाउन में अवैध रूप से बालू उठाते गांव वालों पकड़ लिया तथा KGP (L) थाना को सौंप दिया।
इस संबध में इंदा थाना ने एक डम्पर नम्बर WB 29A 6013 तथा एक JCB नम्बर WB 36G 3199 को जप्त कर लिया। एवं RPF कर्मियों को उनके बोलेरो और बस के साथ रात्रि 8 बजे के लगभग छोड़ दिया।
इस संबध थानाध्यक्ष मो.आसिफ सन्नी से बात करने पर सूचना की पुष्टि की एवं RPF कर्मियों,अशोक एवं डम्पर वाले सभी की गलती बताये। लॉकडाउन में बिना उचित प्राधिकार एवं आज्ञा से अवैध रूप से बालू उठा रहे थे तथा गांव वालों ने जब पकड़ा तो बताये कि थाने से परमिशन है। इसके बाद गांव वाल़ों ने फोन कर परमिशन की बात पुछी । फिर पुलिस ने गांव वालों द्वारा पकड़े गये RPF कर्मियों समेत JCB और डम्पर के ड्राईवर सभी को छुड़ा कर थाने लाए।
ज्ञात रहे RPF/ZTI/KGP में कुल 12 बैरेक है जिसमें मात्र 500 प्रशिक्षुओं की क्षमता सामान्य दिनों में है। चुकि दो बैरेक स्थायी कर्मियों को दे देने के कारण मात्र 10 बैरेक प्रति बैरेक 40 प्रशिक्षुओं के हिसाब से मात्र 400 की क्षमता है। जबकि 437 उपनिरीक्षक प्रशिक्षु थे तथा 150 आरक्षक प्रशिक्षु गोलबाजार के पास थे। गोलबाजार प्रशिक्षण जगह को कोरेन्टाईन सेंटर के लिए सुरक्षित रखने के कारण उन 150 कांस्टेबल रिक्रूट को भी RPF/ZTI/KGP में ले आया गया है तथा उसे जीम,रिक्रिएशन रूम और शस्त्रागार के प्रथम तल के बरामदे में बिना सोशल डिस्टेशिंग का ख्याल रखे सटा सटा कर रखा गया है,जहां शौचालय और स्नान की अपर्याप्त व्यवस्था है। कुल 587 प्रशिक्षु वहां रह रहे हैं।
वर्तमान लॉकडाउन की परिस्थिति और तबलीगी जमात के कारनामों की स्थिति में RPF ZTI के कर्मियों को डम्पर मालिक शेख नजमूल के गांव छेदुआ,पश्चिम मिदनापुर में (खड़गपुर से करीब 50-60 किलोमीटर दूर) घुमना,अवैध रूप से बालु उठाना, गांव वालों द्वारा पकड़ना और सभी लोगों को बंधक बनाना,पुलिस द्वारा गांव वालों से छुड़ाना 587आरपीएफ प्रशिक्षुओं को कोरोना का खतरा बढा दिया।
इस संबध में डम्पर मालिक शेख नजमूल का कहना है कि उसने मना कर दिया था परन्तु एक फर्जी कागज लाकडाउन पास का दिखा कर हमारे गांव में आकर 2800/- रूपये में डम्पर का भाड़ा तय कर ले गये थे। वे लोग सरकारी व्यक्ति वर्दी वाले हैं। वर्दी में RPF के एक स्टार और दो स्टार पहने और कुछ लोग सिविल में थे।
RPF वालों ने धोखाधड़ी की ,फर्जी लाकडाउन पास का कागज दिखाया और झूठ बोलकर मेरे गाड़ी को भाड़ा में वर्दी का विश्वास दिखा कर ले गया और गाड़ी जप्त करवा दिया। लाकडाउन के कारण ऐसे ही गाड़ी का 7 किस्त भरना मुश्किल हो रहा और ये नई मुसीबत। इंदा थाने में RPF कर्मियों समेत सभी का वीडियों बना कर रखा गया है।
जेसीबी मालिक और डम्पर मालिक के बीच वायरल बातचीत के एक अंश को सुनिए।
इस ऑडियो की सत्यता की पुष्टि हम किसी रूप में नहीं करते।
DG/RPF को पुरे मामले की जांच करवानी चाहिए और सोशल डिसटेंसिंग और अन्य सावधानी का पालन RPF प्रशिक्षुओं और कर्मियों पर भी हो। इस परिस्थिति में 587 प्रशिक्षुओं को कोरोना का खतरा ये RPF कर्मी बढ़ा दिये हैं।
आखिर बालू की खरीद न कर अवैध खनन क्यों करवाया जा रहा था। कहीं इसके पीछे भी कोई भ्रष्टाचार तो नहीं।
प्राचार्य ने हमारा व्हाट्सएप ब्लाक कर दिया है,जिसके कारण उसका पक्ष नहीं जाना जा सका।