पूर्व मध्य रेलवे के रेलवे सुरक्षा बल के रांची अवस्थित परियोजना में उप मुख्य सुरक्षा आयुक्त (Sr.SC) के घर की नौकरानी के शारिरिक शोषण के आरोप में बिना जांच पड़ताल के बरखास्त जवान,जिस आदेश को आनन फानन में ज्यादा बवाल होता देख मुख्य सुरक्षा आयुक्त द्वारा रद्द कर निलंबन अवस्था नौकरी में वापसी की गयी और अब पुनः प्रक्रियागत जांच होगी।
स्वयं मुख्य सुरक्षा आयुक्त श्री मौर्या रांची में कई दिनों से डेरा जमाकर सभी जवानों एवं पक्षों का बयान दर्ज कर रहे हैं।
कहावत है “चौबे गये छबे बनने,दुबे बन के लौटे” वही हाल मो.साकिब का हुआ। खुद का घर कांच का गये थे दूसरों पर पत्थर फेंकने।
पीड़िता नौकरानी ने महिला पुलिस अधिकारी के समक्ष अपना बयान दिनांक 19/6/2021 को 18/30 बजे दे दी। पुरे बयान को हु ब हू पढ़े
“ मै…कि गरीबी के कारण मुझे मो.साकिब के घर में जो कि पुलिस ऑफिसर है घरेलु काम में लगा दी थी ,उनके घर झाड़ू पोछा बर्तन और कभी कभी खाना भी बनाती थी मुझे यहां पेट भर खाना भी नहीं मिलता था और जूठा खाना मिलता था। अलग धर्म के होने के कारण मुझे झूठा खाना खाने में अच्छा नहीं लगता था।मैडम का भी वर्ताव कभी मेरे साथ अच्छा नहीं रहा वो हमेशा छोटा छोटा बात को लेकर मारती डांटती पीटती थी और मुझसे नुरानी तैल अपने बदन में मालिश करवाती थी। रात में भी मुझे सोने नहीं देती थी। बीच रात में मुझे उठाकर तैल मालिश करवाती थी । साहब भी मुझे मारते थे कुछ छोटा मोटा गलती हो जाने पर एक ही काम को बार बार करवाते थे जैसे कि बाथरूम धोना जो कि मुझे अच्छा नहीं लगता था।
मैडम और सर के बीच हमेशा झगड़ा होता था इसी झगड़ा के दौरान मैडम साहब पर हाथ भी उठाती थी और मुझे सबसे ज्यादा तब और खराब लगता था जब मैडम मेरा और सर का रिश्ता को लेकर गंदा शक करती थी और सर को गंदा गंदा गाली देती थी और बोलती थी जाओ जाकर …..से शादी कर लो। और मैडम कभी कभी हम पर इतना गुस्सा हो जाती थी कि बीच रात हमको घर से निकालने की कोशिश करती थी। मो. साकिब के दो बेटे हैं जिनका व्यवहार मेरे साथ बहुत अच्छा था। जबकि मैडम का साहब के साथ जब भी झगड़ा होता था तब वो मैडम का पक्ष लेते थे, जो मुझे अच्छा नहीं लगता था। साहब का सब्जी भाजी लाने के लिए एक पुलिस आता था,जिसका नाम शम्भू है,वो उसने एक बार मुझे कपड़ा बदलते हुए देख लिया और बिना कपड़ो का फोटो ले लिया और वीडियो बनाया।मेरे चिल्लाने से वो चला गया लेकिन धमकी दिया कि फेसबुक में डाल देगा। शम्भू ने एक बार मेरे गाल को छुआ था,जो कि मुझे अच्छा नहीं लगता था जब वो हमको हाथ हिलाकर बुलाने जैसा ईशारा करता था जो मुझे एक दम अच्छा नहीं लगता था। मैं उनका बना चाय कभी नहीं पीती थी। बहुत दिन के बाद शम्भू के हरकत के बारे में साहब को बतायी ,साहब शम्भू को डांटे और मोबाईल से फोटो भी डिलिट करवाये,उस दिन मैडम भी शम्भू को डांटी थी। लेकिन शम्भू साहब के सामने ही मुझे रंडी बोलते हुए साहब का मेरा रिश्ता का गलत इशारा और गलत शब्द का व्यवहार करते हुए चला गया। मैं यहां नहीं रहना चाहती हूं और एक बात कहना चाहती हूं कि मैडम का भाई जो पुलिस कमिश्नर है उनसे मुझे और मेरे परिवार को बहुत डर है,क्योंकि जब मैं पुलिस के साथ प्रेमाश्रय आने लगी तो तब मैडम ने मुझसे कही थी कि अगर मैं कहीं पर कुछ भी बताती हूं तो मुझे और मेरे परिवार को जेल हो जायेगा। मैं मां को जेल जाते हुए नहीं देख सकती। मेरा छोटा भाई भी है जिसको कोई भी तरह का नुकसान हो ये मैं नहीं चाहती इसलिए मैं चाहती हूं कि इस घटना के बारे में मुझसे ज्यादा पुछताछ नहीं की जाय,मैं अभी प्रेमाश्रय में हूं। मुझे यहां अच्छा लग रहा मैं यहीं रहना चाहती हूं आगे पढ़ाई लिखाई करना चाहती हूं और साहब के घर कभी नहीं जाना चाहती हूं। यही मेरा बयान है…..”
इस बयान के आधार पर कांड संख्या 74/21 दिनांक-19/6/21 को धारा 341/323/354/354(c)/ 504/506/34- IPC,75 J.J.Act,8,10,12 POCSO Act,14 child labour act, एवं 67- I.T.Act के अधीन मामला दर्ज किया गया है।
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इस कांड को सबसे पहले “डेलीभंडाफोर”ने ही उठाया था तथा पुलिस में शारिरिक शोषण मामला नहीं दर्ज कराने को लेकर एवं नाबालिग को नौकरानी रखने को लेकर ढ़ेरो सवाल उठाते हुए मो.साकिब को कटखड़े में खड़ा किया था।
पीड़िता नाबालिग नौकरानी ने मो. साकिब एवं उनकी पत्नी का कच्चा चिट्ठा खोल दी। मो.साकिब फंसने पर धार्मिक अल्पसंख्यक कार्ड खेलने लगे। कट्टरपंथी मानसिकता वाले अधिकारी पर सख्त कारवायी होनी चाहिए तथा आरोपी जवान पर भी।
पुलिस तो अपना काम करेगी ही रेसुब प्रशासन अपने बल सदस्य आरोपी मो.साकिब और जवान पर सख्त कारवायी करें।
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अभी तक जवान लड़की के आरोप को मो.साकिब के सिखलाये अनुसार दवाब में बोलने का दलील देता था,पर अब तो लड़की मो.साकिब एवं उनकी पत्नी पर भी आरोप लगा रही है तथा आरोपी जवान पर भी आरोप दुहरा रही है, वह भी तीसरी एजेंसी के पास। लड़की क्यों बिना मतलब का आरोपी जवान पर आरोप लगायेगी,किसी अन्य जवान या वहां काम करने वाले किसी केयर टेकर पर क्यों नहीं लगायी? ये सवाल तो अब सहकर्मी भी उठाने लगे हैं और शंका जाहिर कर रहे हैं। पुलिस अनुसंधान में सब सच आयेगा।