दक्षिण पूर्व रेलवे के चक्रधरपुर मंडल से एक हैरान कर देने वाला मामला आया है। सूत्र द्वारा दी गई जानकारी अनुसार वहां रेसुब विभाग द्वारा एक कैंटिन खोला गया है। कैंटिन का उद्देश्य जवानों को सस्ते दर पर रोजमर्रा में प्रयुक्त घरेलु सामानों को बाजार दर से कम पर उपलब्धता था। परन्तु यह जवानों के लिए मुसीबत बन गया है। कैंटिन से सामान खरीदना स्वैच्छिक होना चाहिए,परन्तु यहां जबरन बेचा जा रहा है।
सूत्र ने यह जानकारी दी कि कैंटिन का प्रभारी एक ऐसे उप निरीक्षक को बनाया गया है जो रांची मंडल के मुरी रेसुब पोस्ट में पोस्टिंग के दौरान सीबीआई द्वारा घूस लेते रंगे हाथो पकड़ा गया तथा मुकदमा झेल रहा है।
जवानों को जबरन वर्दी के कपड़े को 800/- रूपया में बेचा जा रहा। इसके लिए चक्रधरपुर के RPF Security Group नामक व्हाट्सऐप ग्रुप ,जिसके सदस्य बरिष्ठ अधिकारी समेत इकाई प्रभारी गण हैं,उस ग्रुप में आदेश जारी हुआ है। स्क्रीनशॉट देखें।
इस आदेश से जवानों में काफी नाराजगी है कि अब बेचने का यही तरीका बचा था क्या?
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सूत्र द्वारा जानकारी दी गई कि जवान आशंकित है कि ,अगर कोई जवान कपड़ा नहीं लेना चाहेगा तो उसे रेस्ट ,सीआर,छुट्टी,टीए बीट में कटौती डिफाल्ट इत्यादि से परेशान किया जायेगा। उसे टार्गेट किया जायेगा। बनावटी कारणों के आधार दंडित किया जायेगा।
हमसे सम्पर्क कर इस मामले को रेल मंत्री के संज्ञान में देने के लिए अनुरोध किया है जिससे मेहनत से कमाये पैसे को कैसे खर्च करें उसकी स्वतंत्रता तो इस स्वतंत्र देश में मिलनी चाहिए। कैंटिन से सामान की खरीदारी स्वैच्छिक होनी चाहिए न कि बाध्यकारी।
डीजी RPF एवं रेल मंत्री को उच्च स्तरीय जांच कर जवानों की समस्या का निराकरण करना चाहिए।