घटना बनारस कैंट की है,जहां के राजकीय रेल पुलिस थाना में दिनांक 19/2/2021 को गुवाहाटी नई दिल्ली ट्रेन के टीटीई के विरूद्ध शिकायत दर्ज करवायी है। FIR में दर्ज विवरण से पत्ता चलता है कि TTE ने RPF की महिला आरक्षी के साथ काफी ज्यादती और गलत व्यवहार किया। पुरी घटना इस प्रकार है।दिनांक 18-19/2/2021 को गुवाहाटी से दिल्ली जाने वाली राजधानी ट्रेन में घर में आकस्मिक जरूरी कार्य के कारण कटिहार RPF पोस्ट की एक महिला कांस्टेबल राजधानी ट्रेन में वर्दी में ही शयनयान श्रेणी का पास लेकर यात्रा करने लगी।

सूत्र द्वारा दी गई जानकारी और शिकायत के अनुसार ट्रेन में मौजूद TTE रितेश कुमार ने अकेली वर्दी में मौजूद RPF की महिला कांस्टेबल का पास की जांच की एवं द्वितीय श्रेणी का पास पाकर भय उत्पन्न करने लगा कि यह पास वैध नहीं है आपको जुर्माना लगेगा। इसके बाद उसे दूसरे कोच सूत्र का कहना है AC First में ले जाकर अश्लील बातें और छेड़खानी ही नहीं की बल्कि नौकरी का भय उत्पन्न कर वर्दी उतारवाकर सीविल ड्रेस भी पहनने पर मजबूर किया।

महिला आरक्षी ट्रेन रूकने पर गार्ड के डिब्बे में चली गई तथा गार्ड को पूरी बात बतायी तो गार्ड ने रात्रि में महिला की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए गार्ड केबिन में ही महिला आरक्षी को शरण दी। TTE ने वहां जाकर भी हंगामा किया
तथा यात्रियों के मध्य बेईज्जती करने लगा कि RPF वाले खुद गलत काम करते हैं और दूसरे को पकड़ते हैं जबकि महिला कांस्टेबल ने कहा जो भी फाईन होगा करो देती हूं,पर TTE फाईन भी न बनाकर सिर्फ माहौल बिगाड़कर रात्रि में हंगामा करता रहा। पूरा मामला रेल प्रशासन के सभी संबधित विभाग को दिया गया तथा महिला कांस्टेबल द्वारा यात्रा भंग कर जीआरपी थाना बाराणसी कैंट में शिकायत दर्ज की गई,जहां कांड संख्या 29 दिनांक 19/2/2021 भांदस की धारा 354 और 354a के तहत मुकदमा कायम कर TTE की गिरफ्तारी की गई तथा थाने से ही जमानत दे दिया गया।

इस संबध में @irtsco (Indian Railway Ticket Checking Staff Organization )द्वारा उल्टे मूर्खतापूर्ण ढ़ंग से RPF महिला कांस्टेबल के विरूद्ध कारवायी करने के लिए अभियान चलाया जा रहा,तथा पुलिस और रेल प्रशासन पर दवाब बनाया जा रहा, जबकि पुरा मामला पुलिस थाना में अनुसंधान के स्तर पर है ।

महिला आरक्षी द्वारा दी गई शिकायत को पढ़ें।

बड़ा सवालः-

  • क्या टीटीई को कानून मालूम नहीं कि अगर महिला यात्री बिना टिकट भी है तो उसे रात्रि में बिना जिला मुख्यालय वाले स्टेशन में वह भी उसकी सुरक्षा की व्यवस्था किये बिना नहीं उतार सकते?
  • जब महिला टिकट का पैसा दे रही थी तो क्यों नहीं टिकट बनाया?
  • महिला कांस्टेबल को क्यों वर्दी उतारने पर मजबूर किया गया?
  • महिला के पास की फोटोकॉपी @irtsco के पास कैसे आया?
  • TTE पास का विवरण लेकर विभाग, अगर गलती थी, को शिकायत क्यों नहीं किया?

अक्सर कुछ ऐसे ही TTE कम दूरी के यात्रियों को बिना टिकट बनाए खाली सीट पर सुला देते है और जब उतरने का समय आता है तो पैसा लेकर उतार देते हैं,बीच में निगरानी की जांच हो जाए तो टिकट बना देते हैं। इसी का फायदा कुछ अपराधी उठा कर यात्रियों के सामान और शरीर के साथ कई बार अपराध कर देते हैं। इस संबध में सुधार के लिए रेल प्रशासन द्वारा निरंतर प्रयास किया जा रहा। आज जो निजीकरण हो रहा है इन्हीं तथाकथित झंडेवरदार के कारण हो रहा। फिर भी ये सुधरने का नाम नहीं ले रहे और न जनता का समर्थन निजीकरण के विरूद्ध इन संगठनों को मिल रहा।


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यह TTE अगर एक वर्दीधारी महिला कांस्टेबल के साथ ऐसा करने का दुःसाहस किया तो सामान्य महिला के साथ क्या करता होगा? इस TTE के अतीत को भी RPF के अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों द्वारा खंगाली जानी चाहिए।

TTE के संगठन द्वारा अनुचित ढ़ंग से महिला आरक्षी पर कारवायी के लिए और TTE को बचाने के लिए दवाब बनाने की कोशिश की जा रही,जबकि RPF एक अनुशासित बल है,तथा इस तरह अपनी बात ट्वीटर पर नहीं रखते उसी का फायदा ये संगठन के सदस्य अनुचित ढंग से उठा रहे हैं।

NFR के RPF के PCSC को सख्त रूख अपना कर इस मामले की बिना किसी दवाब के निष्पक्ष जांच करवाकर दोषी पर सख्त कारवायी करवाने का प्रयास करना चाहिए।