सोशल मीडिया पर RPF कर्मियों द्वारा प्रसारित भड़काउ सामग्री के बिरूद्ध क्या हुआ चेतावनी जारी?

रेलवे बोर्ड के तरफ से सोशल मीडिया पर RPF कर्मियों द्वारा आपत्तिजनक वीडियो,फोटों एवं अन्य सामग्री को प्रसारित करने को लेकर चेतावनी जारी की गई है।ऐसी आपत्तिजनक और भड़काऊ सामग्री से बल के सदस्यों में असंतोष फैलता है और अनुशासनहीनता को बढ़ावा मिलता है। DG द्वारा जारी सोशल मीडिया से संबधित दिशानिर्देश को पालन करने की सलाह दी गई है।

रेलवे बोर्ड द्वारा जारी पत्र को पढ़ें।

 

इस संबध में कुछ दिनों पहले एक वीडियो,फोटो और पोस्ट तेजी से व्हाट्सएप पर वायरल हुआ था,उसके बाद उस वीडियो और पोस्ट को ट्वीटर पर गुरदयाल सिंह नामक ट्वीटर युजर ने डालते हुए विभाग के संज्ञान में दिया।

इस ट्वीट की सामग्री के बाद पूर्व मध्य रेलवे ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर सही तथ्य की जानकारी दी।

हमने भी अपने स्तर से पत्ता लगाया तथा पूर्व मध्य रेलवे का जवाब बिल्कुल सही है। भड़काऊ पोस्ट के साथ वायरल वीडियो को RPF जनों ने खुब शेयर किया,बिना तथ्य का पत्ता लगाये कि क्या सही है और क्या गलत है,किसने और कब वीडियो बनाया?

कोरोना ने भारत ही नहीं पुरे विश्व की व्यवस्था को तहस नहस कर दिया है। इस व्यवस्था के कारण RPF जन ही प्रभावित नहीं हैं,प्रायः सभी सरकारी विभाग के कर्मी प्रभावित हैं।कोरोना के रोकथाम के लिए सरकार हर संभव उपाय कर रही है। स्वास्थ्य कर्मियों पर कार्यबोझ बढ़ रहा,लगातार कार्य के बावजूद भी स्वास्थ्य सेवाओं में थोड़ी विलम्ब होती है। इसका यह मतलब नहीं धैर्य खो दें।अगर स्वास्थ्य कर्मी धैर्य खोने लगें तो क्या दशा होगी? RPF जनों को भी समझना चाहिए कि डॉक्टर भी इलाज करने के दौरान कोरोना संक्रमित हो रहे हैं,उसी अस्पताल में उनका भी इलाज होता है। भारत के विभिन्न अस्पतालों के कई डॉक्टर भी कोरोना से जान भी गंवा बैंठे हैं। पर वे तो ऐसा पोस्ट नहीं डालते हैं।

अनुशासित और प्रशिक्षण प्राप्त बल सदस्य होने के नाते धैर्य,परिस्थिति को समझने एवं सहयोग की भावना हमेशा बनायी रखनी चाहिए। उस वायरल पोस्ट से हम भी सहमत नहीं।


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