मुस्लिमों के साथ अनुसूचित जाति फेडरेशन के नेताओं ने भी पाकिस्तान लिया था-जानिए
देश के बटवारे के लिए मुस्लिमों को जिम्मेवार ठहराया जाता है। परन्तु इस पुरे प्रकरण में अनुसूचित जाति फेडरेशन(सिड्यूल्ड कास्ट फेडरेशन ) की चर्चा नहीं होती।जिसके बंगाल के नेता जोगेन्दर नाथ मंडल ने पाकिस्तान का समर्थन किये थे।
आजादी के समय मुस्लिमों ने भारत से अलग देश पाकिस्तान के लिए आंदोलन, दंगा, हत्या,खुनखराबा और उत्पात खुब मचाया,परन्तु जानकर आश्चर्य होगा कि बाबा साहेब अंबेडकर की पार्टी सिड्यूल्ड कास्ट फेडरेशन के तत्कालीन बंगाल प्रान्त के एक प्रभावशाली नेता जोगेन्दर नाथ मंडल ने भी मुस्लिम लीग से मिलकर अनुसूचित जातियों के लिए पाकिस्तान की मांग का समर्थन किया था।यहां तक कि संयुक्त भारत में संविधान सभा के सदस्यों का जब चुनाव हुआ तो बाबा साहब अंबेडकर को आज के भारतीय क्षेत्र में सफलता नहीं मिली। तब उसी जोगेन्दर नाथ मंडल के सहायता से वर्तमान बंगलादेश वाले हिस्से से संविधान सभा के सदस्य चुने गये गये थे। ज्ञात रहे सिड्यूल्ड कास्ट फेडरेशन की स्थापना बाबा साहब अंबेडकर ने की थी।
बाबा साहब अंबेडकर सिड्यूल्ड कास्ट फेडरेशन के बंगाल प्रान्त के नेता जोगेन्दर नाथ मंडल को पाकिस्तान की मांग करने और अनुसूचित जाति का हित मुस्लिमों के अलग देश पाकिस्तान के साथ होने की भावना को रोकने में असफल सिद्ध हुए।देश का बटवारा हुआ। यहां तक कि बंटवारे से पूर्व चटगांव/नोआखाली के दंगे में हिन्दूओं के रूप में सबसे ज्यादा बंगाल में जोगेन्दर नाथ मंडल के अनुसूचित जाति के लोगों को ही मुस्लिमों ने दंगे में हत्या किया। जबरदस्ती ईस्लाम में धर्मपरिवर्तन करवाया, बावजूद जोगेन्दर नाथ मंडल की आंख नहीं खुली। वे दलितों को मुस्लिमों के बिरूद्ध दंगे में हिन्दूओं का साथ देने से रोकते रहे।
पाकिस्तान बनने पर पाकिस्तान के प्रथम कानून मंत्री बने और पाकिस्तान के इतिहास में पाकिस्तान में इतने बड़े पद पर पंहूचने वाला कोई हिन्दू है तो वह है जोगेन्दर नाथ मंडल।बंटबारे के समय पाकिस्तान में बड़ी संख्या में अनुसूचित जाति के लोगों को बंधक बना कर बंधुआ मजदूरी कराने के लिए रख लिया गया। जबकि अधिकांश जोगेन्दर नाथ मंडल के बहकावे में भारत नहीं आये। वहीं बड़ी संख्या में अनुसूचित जाति के लोग मुस्लिमों को अपना हितैसी समझ कर वर्तमान भारत से पाकिस्तान चले गये।
पाकिस्तानी संविधान जब बनने लगा और अनुसूचित जाति को दोयम दर्जे का नागरिक और स्थायी सफाई कर्मी बना दिया गया,तब जोगेन्दर नाथ मंडल को मुस्लिमों द्वारा धोखे का एहसास हुआ। जोगेन्दर नाथ मंडल के बहकावे में पाकिस्तान में रूक गये एवं भारतीय क्षेत्र से पाकिस्तान गये अनुसूचित जाति के लोगों को जबरन धर्मांतरण, महिलाओं का अपहरण,बलात्कार और हत्या होने लगा तो जोगेन्दर नाथ मंडल उस अत्याचार को रोकने में असमर्थ हो गये। अनुसूचित जाति के लोग ही उनके जान के दुश्मन बन गये। उनकी बेवकूफी के कारण पाकिस्तान में सिड्यूल्ड कास्ट के लोग बड़ी मुसीबत में फंस गये।तब उन्हें एहसास हुआ कि मुस्लिमों ने जबरदस्त धोखा दिया। सिड्यूल्ड कास्ट के लोंगो को अपना वजूद खतरे में पड़ गया।
परिस्थिति को भांप कर कानून मंत्री के पद से त्यागपत्र देकर जोगेन्दर नाथ मंडल अनुसूचित जाति के लोंगों को पाकिस्तान में मरने कटने के लिए छोड़कर भारत भाग आये। उनके समर्थक अनुसूचित जाति के लोग भी कुछ लोग चोरी छुपे खुली सीमा का लाभ उठाकर घुसपैठ कर भारत में पुनः वापस आये।
बाद में जोगेन्दर नाथ मंडल अपने समर्थकों के साथ बौद्ध धर्म अपनाकर गुमनाम मौत मरें। जिस व्यक्ति ने भारत से गद्दारी की। अंत में भारत की ही शरण में आयें। अनुसूचित जाति के लोगों को स्वतंत्रता आंदोलन के इस प्रकरण की जानकारी अवश्य लेनी चाहिए।
अगले अंक जय भीम जय मीम नारे की असलियत और खुलासा।