सोशल मीडिया पर RPF कर्मियों द्वारा प्रसारित भड़काउ सामग्री के बिरूद्ध क्या हुआ चेतावनी जारी?
रेलवे बोर्ड के तरफ से सोशल मीडिया पर RPF कर्मियों द्वारा आपत्तिजनक वीडियो,फोटों एवं अन्य सामग्री को प्रसारित करने को लेकर चेतावनी जारी की गई है।ऐसी आपत्तिजनक और भड़काऊ सामग्री से बल के सदस्यों में असंतोष फैलता है और अनुशासनहीनता को बढ़ावा मिलता है। DG द्वारा जारी सोशल मीडिया से संबधित दिशानिर्देश को पालन करने की सलाह दी गई है।
रेलवे बोर्ड द्वारा जारी पत्र को पढ़ें।
इस संबध में कुछ दिनों पहले एक वीडियो,फोटो और पोस्ट तेजी से व्हाट्सएप पर वायरल हुआ था,उसके बाद उस वीडियो और पोस्ट को ट्वीटर पर गुरदयाल सिंह नामक ट्वीटर युजर ने डालते हुए विभाग के संज्ञान में दिया।
Isme kitni sachai hai yeh janch k bad hi pta chalega DG RPF janch karwao @RailMinIndia @IR_CRB @arunkumar783 @Khulkar_Bolo @AshimSamanto1 @vikrams48545437 @ANI https://t.co/sZpRdDslDQ pic.twitter.com/erw5oTxq2z
— Gurdial Singh (@Gurdial97830006) August 8, 2020
इस ट्वीट की सामग्री के बाद पूर्व मध्य रेलवे ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर सही तथ्य की जानकारी दी।
शिकायत के आलोक में अवगत कराना है कि शिकायत में वर्णित दिवंगत आरक्षी रतन राज सिंह क्षेत्रीय सुरक्षा नियंत्रण कक्ष/रे.सु.ब./हाजीपुर में पदस्थापित थे I दिनांक-18.07.2020 से 23.07.2020 तक छुट्टी में रहने के दौरान उनके द्वारा दिनांक-22.07.2020 के सुबह क्षेत्रीय सुरक्षा #लगातार
— RPF East Central Rly (@rpfecr) August 9, 2020
हमने भी अपने स्तर से पत्ता लगाया तथा पूर्व मध्य रेलवे का जवाब बिल्कुल सही है। भड़काऊ पोस्ट के साथ वायरल वीडियो को RPF जनों ने खुब शेयर किया,बिना तथ्य का पत्ता लगाये कि क्या सही है और क्या गलत है,किसने और कब वीडियो बनाया?
कोरोना ने भारत ही नहीं पुरे विश्व की व्यवस्था को तहस नहस कर दिया है। इस व्यवस्था के कारण RPF जन ही प्रभावित नहीं हैं,प्रायः सभी सरकारी विभाग के कर्मी प्रभावित हैं।कोरोना के रोकथाम के लिए सरकार हर संभव उपाय कर रही है। स्वास्थ्य कर्मियों पर कार्यबोझ बढ़ रहा,लगातार कार्य के बावजूद भी स्वास्थ्य सेवाओं में थोड़ी विलम्ब होती है। इसका यह मतलब नहीं धैर्य खो दें।अगर स्वास्थ्य कर्मी धैर्य खोने लगें तो क्या दशा होगी? RPF जनों को भी समझना चाहिए कि डॉक्टर भी इलाज करने के दौरान कोरोना संक्रमित हो रहे हैं,उसी अस्पताल में उनका भी इलाज होता है। भारत के विभिन्न अस्पतालों के कई डॉक्टर भी कोरोना से जान भी गंवा बैंठे हैं। पर वे तो ऐसा पोस्ट नहीं डालते हैं।
अनुशासित और प्रशिक्षण प्राप्त बल सदस्य होने के नाते धैर्य,परिस्थिति को समझने एवं सहयोग की भावना हमेशा बनायी रखनी चाहिए। उस वायरल पोस्ट से हम भी सहमत नहीं।