रेल एक विभाग अनेक,पर सबसे बेचारे RPF जवान कैसे जानिए। एक RPF जवान को अगर रेलवे के किसी कार्य क्षेत्र में तैनात किया जाय तो बेचारा न नहीं बोलेगा और पुरी कुशलता से कार्य करेगा,पर सुविधा के मामले में RPF बन जायेंगे। RPF रूल और नियम उलटने लगेगा,अनुशासन देखा जायेगा।
रेल कर्मचारियों के विभिन्न संगठनों जैसे AIRF और NFIR द्वारा लगातार मांग किये जाने की वजह से रेलवे बोर्ड ने एक अच्छा निर्णय लेते हुए पत्र क्रमांक E(NG)I-2020/TR/2, New Delhi, Dated-31 March 2021 के माध्यम से रेलवे के सभी जोन के जनरल मैनेजर एवं प्रोडक्शन यूनिट को निर्देश दिया गया है कि प्रत्येक वर्ष मार्च-अप्रैल माह में रेलवे कर्मचारियों का जो आवधिक स्थानांतरण (Periodical Transfer) किया जाता है उसे कोरोना की वजह से उत्पन्न हुए Extra Ordinary situation की वजह से टाल दिया जाय और यह स्थानांतरण फिलहाल 30 जून 2021 तक ना किया जाय ।
रेलवे ने यह निर्णय लिया ताकि कर्मचारियों को कोरोना की वजह से उत्पन्न समस्याओं का सामना ना करना पड़े,रेलवे कर्मचारी जहां खुशी मना रहे हैं वही आरपीएफ जवान उदास है । आखिर क्यों? क्योंकि ये आरपीएफ हैं।
RPF के अधिकारियों को यह स्थिति मंजूर नही है क्योंकि उनका मानना है कि RPF के कर्मचारी भले ही Main Frontline worker हैं लेकिन उनके पास सुपर पावर है और कोरोना से उन्हें कोई फर्क नही पड़ेगा । तभी तो रेलवे बोर्ड द्वारा उपरोक्त पत्र जारी करने के बावजूद पश्चिम रेलवे जोन के RPF महानिरीक्षक (IG-cum-PCSC) द्वारा तुरंत 39 निरीक्षकों का आवधिक स्थानांतरण पत्र क्रमांक No.SFE 111/3/1 (IPF), date-31.03.21 के माध्यम से किया गया ।
जबकि पूरे भारत मे वर्तमान में पश्चिम रेलवे में कोरोना का कहर सबसे ज्यादा है ।
विगत वर्ष 2020 में भी रेलवे बोर्ड ने एक ऐसा आदेश जारी किया था जिसमे सभी जोन को कोरोना के कारण उत्पन्न extra ordinary situation की वजह से कर्मचारियों का स्थानांतरण ना करने का आदेश दिया था । बाद में समय समय पर पत्र जारी करके स्थानांतरण ना करने की अवधि को बढ़ाया गया था । इन्ही पत्रों में से एक पत्र का पत्र क्रमांक E(NG)I-2020/TR/2, New Delhi, Dated 7th August 2020 है जिसे आप देख सकते हैं ।
इस आदेश के अनुपालन में RPF के अधिकारियों ने भी RPF के जवानों का स्थानांतरण नही किया था । रेलवे के इस निर्णय से कर्मचारियों का कोरोना से बचाव तो हुआ ही था साथ ही स्थानांतरण की वजह से रेलवे को जो भारी मात्रा में ट्रांसफर अलाउंस देना पड़ता था वो भी बच गया था । कुल मिलाकर यह एक अच्छा निर्णय साबित हुआ था ।
इस वर्ष भी जब रेलवे बोर्ड ने 30 जून 2021 तक के लिए स्थानांतरण में रोक लगाने का आदेश दिया है तो क्या RPF के अधिकारी रेलवे बोर्ड से ऊपर हैं जो इन्होंने आनन फानन में स्थानांतरण आदेश जारी कर दिया । जबकि रेलवे के अन्य सभी विभागों की तुलना में सुरक्षा विभाग यानी RPF मुख्य Frontline Worker की भूमिका निभाता है । जहाँ विगत वर्ष अन्य विभाग ने कई माह तक घर में रहते हुए (Work From Home) काम किया था वहीं RPF के जवान प्रतिदिन लोगों की भीड़ से सीधे मिलते थे बल्कि उन्हें खाना भी खिलाते थे ।
शायद यह मामला DG/RPF महोदय के संज्ञान में नही होगा अन्यथा इस तरह की सरासर नाइंसाफी RPF के साथ नही होती।