RPF निरीक्षक की लड़की की ट्वीट ,पापा 8 महीने से ड्यूटी से घर नही आये

घटना मेट्रों रेलवे ,पूर्व रेलवे,RPF/CLW और RTC भिलाई SECR से संबधित है।एक ट्वीटर हैंडल अमीशा कुमार @AmishaKr के ट्वीटर हैंडल से लगातार कई ट्वीट किया गया। पुरा ट्वीट पढ़िये।

जिसमें कहा गया है कि मेरे पिताजी श्री मनोज कुमार टूडू IPF/LTM/Metro Rail/Kol को करीब आठ महीने पहले RTC भिलाई प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण देने के लिए भेज दिया गया। आठ महीने में एक बार भी छुट्टी नहीं दी गई।परिवार आवंटित रेलवे क्वार्टर में चिरतंजन में रह रहा है। जो रेलवे क्वार्टर भी अवधि विस्तार आज्ञा पर है। जो अवधि भी समाप्त हो गयी है।चितरंजन में रेलवे क्वार्टर परिवार में पत्नी और एक बच्ची (लड़की) रहती है।

सूत्र ने जानकारी दी परिवार में कोई पुरूष नहीं होने के कारण इस लाकडाउन में परिवार को काफी तकलीफ का सामना करना पड़ा। एक एक दिन मुश्किल दुःख तकलीफ झेलते हुए बीत रहा। विभाग की ऐसी कोई व्यवस्था नहीं कि इस लाकडाउन और अन्य परिस्थिति में जब जवान दूसरे जगह ड्यूटी पर जाता है तो उस परिवार की समस्या सहायता इत्यादि करें।सबसे बड़ी समस्या क्वार्टर की है। परिवार में कोई पुरूष सदस्य नहीं रेलवे क्वार्टर की अवधि समाप्त हो रही है। रेलवे द्वारा क्वार्टर खाली कराने की आशंका से परिवार काफी डरा सहमा है।

बड़ा सवाल जिस जवान का परिवार इस तरह तकलीफ में हो, क्या वह पुरे मनोयोग से कार्य कर पाता होगा? क्या वह पुरे मनोयोग से प्रशिक्षण दे पाता होगा?क्या विभाग के अधिकारियों को अपने जवान की इस तरह की उत्पन्न होने वाली समस्या की जानकारी नहीं।क्या विभाग के अधिकारी जब जवान को लंबी अवधि तक बाहर भेजते हैं तो उनके परिवार के विभिन्न तरह के जरूरत जैसे राशन, पानी,बिमारी या अन्य की सहायता देखभाल के लिए कोई व्यवस्था नहीं।क्या अधिकारी अपने बंगले में ही अवैध रूप से जवानों को ड्यूटी करवाते हैं।क्या चितरंजन के आरपीएफ कर्मियों को थोड़ी भी मानवता नहीं कि कोविड,लाकडाउन में बाहर ड्यूटी गये जवान के परिवार की समस्या का समाधान कर सके।


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क्या ट्रेनिंग देने वाले प्रशिक्षकों को छुट्टी देने का कोई नियम नहीं? अगर ऐसा नियम है तो उस नियम में बदलाव होनी चाहिए।जवान अगर मानसिक शांति,पारिवारिक समस्या से मुक्त और खुशहाल रहेगा तो अच्छी तरह से कर्तव्य निर्वहन करेगा।निरीक्षक श्री मनोज कुमार टूडू की बच्ची और परिवार की समस्या पर विभाग को ध्यान देना ही चाहिए। उन्हें भी छुट्टी मिलनी चाहिए। उन्हें भी परिवार की समस्या और साथ बिताने का अवसर मिलना चाहिए। एक निरीक्षक को छुट्टी दे देने से RTC भिलाई में ताला नहीं लग जायेगा।