लॉकडाउन में बिना जांच पड़ताल के RPF जवान को किया डिसमिस-जानिए।
घटना दक्षिण पूर्व रेलवे के खड़गपुर मंडल के टिकियापाड़ा RPF पोस्ट का है।
सूत्र ने जानकारी दी कि दिनांक 11-12/4/2020 को रात्रि करीब 11.30 बजे दो RPF जवानों के मध्य टिकियापाड़ा बैरक में मारपीट हुयी।
जवान मनोज यादव सोया हुआ था तथा जी.के हरिजन जिसकी रात्रि पेट्रोलिंग ड्यूटी थी, ड्यूटी जाने के तैयारी के दौरान वह बार बार बैरेक के बाहर जाता और पुनः सीट पर आता तो लाईट जला देता। लाईट जलाने का बिरोध से बातचीत बिहार यूपी और जातिगत तक पंहूच गयी। इसके बाद दोनों तरफ से भंयकर मारपीट हुयी।
निरीक्षक के तरफ से सख्त हिदायत है कि किसी को इस संबध में कोई जानकारी नहीं दे। इसीलिए रोजनामचा में घटना से संबधित प्रवृष्टि नम्बर 508 तारिख 12 अप्रैल को पिन लगाकर रखा गया है,जिससे कोई पढ़ न पाये।
हमने भी कई जवानों से बात की जो निरीक्षक के डर से छुपकर बात किये तथा जो जानकारी दी उसमें दोनों की गलती बता रहे हैं।
दोनों ने अपनी क्षमता भर हाथ आजमाया,कोई भारी पड़ा तो ज्यादा दे दिया। दोषी दोनों है।
हां प्रशासन का पक्ष जी.के.हरिजन को ज्यादा मिला मेडिकल भी कराया और एकतरफा चोट के निशान का फोटो भी लेकर उपर भेजा।
चोट का निशान मनोज यादव के भी शरीर पर देखा गया।
सबसे बड़ी बात जिसे डिसमिस किया गया है वह है मनोज कुमार, जबकि पत्र पकड़ाया है मनोज यादव को।
डिसमिस आदेश देखें.
डिसमिस RPF नियम 161(ii) के तहत किया
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अनौपचारिक रूप से नाम न छापने की शर्त पर कई RPF कर्मी और कई निरीक्षक इसे अपरिपक्व और जल्दीबाजी में लिया गया निर्णय बता रहे हैं।
लाकडाउन खुलने तक जांच भी पूर्ण कर लिया जाता,दोषी जवान को अपना पक्ष भी रगने को मिल जाता और दंड भी दे दिया जाता।
RPF कर्मियों में मनोज यादव और मनोज कुमार नाम की भिन्नता भी चर्चा का मुद्दा है।