दिल्ली से आये RPF जवानों को एक दिन बाद भेजा कोरेन्टाईन में ,जवानों में भय -जानिए।
पुरा देश कोरोना महामारी से परेशान है सरकार द्वारा जारी उच्चतम स्तर की सतर्कता और निर्देश का पालन कड़ाई से किया जा रहा। जनता स्वयं कर रही है और जो नहीं कर रहे हैं उनसे सख्ती से करवाया जा रहा।
परन्तु भारत सरकार के RPF के ही कई अधिकारी इसकी धज्जियां उड़ा रहे हैं।, थोड़ी चूक से दुष्परिणाम काफी गंभीर हो सकता है।
सूत्र ने जानकारी दी कि खड़गपुर से RPF के विभिन्न रैंको के 27 कर्मी हथियार और गोली लाने के लिए 20/3/2020 को दिल्ली गये थे तथा अचानक हुए लॉकडाउन के कारण फंस गये। अभी पार्सल ट्रेन की शुरूआत होने पर DG/RPF के आदेश के तहत वापस पार्सल ट्रेन से अपने मुख्यालय खड़गपुर वापस आये हैं।
दिल्ली कोरोना का एक हॉट स्पाट है,काफी कोरोना के मामले उभर कर आ रहे हैं। इस संबध में तबलीगी जमात के नेता पर हत्या के प्रयास जैसे गंभीर धाराओं में मामला तक दर्ज हुआ है।
दिल्ली से दिनांक 14.4.2020 को RPF कर्मी हावड़ा आये और वहां से विभागीय बस एवं एक अन्य मोटर वाहन से खड़गपुर आये। सारे हथियार को शस्त्रागार में जमा किये। सभी कार्यालय बैरेक एवं अन्य जगहों पर घुमें एवं RPF कर्मियों से मिले, मेस में खाये, शौचालय इत्यादि का प्रयोग किये।
जिससे बैरेक में रहने वाले,कार्यालय में कार्य करने वाले और जहां जहां गये वहां के जवानों में भय व्याप्त हो गया, काफी अन्दरूनी भयमूलक चर्चा होने पर मजबूरन एक दिन बाद पत्र निकालकर दिल्ली से आये सभी 27 कर्मियों को कोरेंटाईन में भेजा गया।
न बस को सेनेटाईज किया गया न शस्त्र के बक्से को। प्रशिक्षण संस्थान अवस्थित शस्त्रागार में भी काफी प्रशिक्षु रह रहे हैं।
कोरेन्टाईन में भेजे जाने से संबधित पत्र 15/4/2020 को जारी हुआ,जबकि दिल्ली से 14/4/2020 को ही खड़गपुर आये और अपने पोष्ट में चले गये।
पत्र देखें।
कोरोना से सावधानी बरतने से संबधित रेलवे द्वारा जारी पत्र
इस संबध में कई तरह की चर्चा विभाग में चल रही है। जैसे DSC/RPF/KGP ने काफी अपरिपक्वता का परिचय दिये। काफी लापरवाही बरते हैं,जिसके कारण RPF कर्मियों में भय व्याप्त है।
DSC को सबसे पहले जांच के लिए सभी कर्मिय़ों को मेडिकल में भेजना चाहिए था। अस्त्र शस्त्र को सेनेटाईज कराना चाहिए था। और दूसरे कर्मियों से सावधानी बरतते हुए शस्त्रागार में जमा कराना चाहिए था।
बस और दूसरे वाहन को भी सेनेटाईज किया जाना चाहिए था।
बैरेक के जवान काफी डरे हुए हैं। DSC को यह भी जांच करानी चाहिए कि सारे RPF कर्मी दिल्ली में बैरेक में ही थे या कुछ दिल्ली में अपने रिश्तेदार के यहां भी ।
अगर कोई जवान दिल्ली में रिश्तेदार के यहां थे तो वह किस क्षेत्र में है कहीं कोरोना हॉट स्पाट वाले क्षेत्र में तो नहीं।
DSC खड़गपुर ने एक दिन बाद सभी जवानों को कोरेंटाईन में भेजा। आखिर इसका क्या फायदा? वो लोग तो सभी जगह घुमें मिले।इस तरह की चर्चा विभाग में है।
DSC/RPF खड़गपुर का पक्ष
इस संबध में DSC /RPF/खड़गपुर को प्राप्त सूचना से संबधित समाचार के ड्राफ्ट को भेजकर सच्चाई जानी तो उन्होंने सूचना को गलत करार देते हुए जानकारी दी कि कोरेन्टाईन का मौखिक आदेश कल ही यानि 14.4.2020 को ही जारी किया गया था तथा यह पत्र आज लिखित सूचनार्थ जारी किया गया।
इस संबध में रेलवे डाक्टरों से बराबर संपर्क में हैं तथा डॉक्टर के परामर्श अनुसार ही कदम उठाये जा रहे हैं।
सूचना को समय पर नहीं पहूंचने के कारण कुछ गलतफहमियां हुयी।
DSC/RPF द्वारा 14/4/2020 को ही कोरेन्टाईन में जाने के आदेश के बावजूद
कुछ कर्मी DSC/RPF/KGP के आदेश एवं निर्देश की अवहेलना कर घुम रहे हैं तो कुछ ने कोरेन्टाईन में जाने से पहले बैरेक में अपने बेड के पास गये सारे सामान लाये और कोरेंटाईन के लक्ष्य एवं उद्देश्य को भंग किये।
DSC/RPF/KGP को भी RPF कर्मियों में व्याप्त भय की सूचना मिली होगी ,उसी के बाद मौखिक आदेश के बाद भी दिल्ली से आये कर्मियों को आगमण के एक दिन बाद पत्र जारी कर भी कोरेन्टाईन में भेजा गया। परन्तु RPF कर्मियों में जो भय व्याप्त को गया, क्योंकि ये जवान शस्त्रागार गये बस में बैठे, कार्यालय गये, अपने बेड पर जाकर आवश्यक सामान कोरेन्टाईन रूम के लिए लेकर आये इत्यादि ।उसका क्या समाधान है?
DSC/RPF/KGP को कोरेंटाईन के संबध में सख्त रूख अपनाना चाहिए,जिससे कोरोना को मात दिया जा सके। भविष्य में और सावधानी बरतनी चाहिए। RPF कर्मी आज बहुत ही अच्छे और साहस पूर्ण कार्य कर विभाग का नाम रौशन कर रहे हैं।
DG RPF को इस संबध में आवश्यक दिशानिर्देश निकालना चाहिए और इस तरह की लापरवाही पर सख्त रूख अपनाना चाहिए।