दक्षिण पूर्व रेलवे के खड़गपुर मंडल के बालासोर पोस्ट के RPF निरीक्षक श्रीनिवास शर्मा एक बार फिर अपनी व्यभिचारी करतूत और अश्लील क्रियाकलापों के कारण मुसीबत में पड़ते दिख रहे। ज्ञात रहे इससे पहले दक्षिण पूर्व रेलवे मुख्यालय में पोस्ट में तैनाती के दौरान एक महिला आरक्षी ने भी विभागीय स्तर पर शिकायत का निपटारा नहीं होने पर वेस्ट पोर्ट थाना गार्डेनरीच में निरीक्षक श्रीनिवास शर्मा के विरूद्ध शिकायत की थी,जिसे बाद में महिला थाना में स्थानान्तरण कर दिया गया। उस महिला आरक्षी से बाद में मैनेज करने में ये कामयाब हो गये।महिला भी दूसरे जोन में स्थानान्तरित हो गयी। शिकायत को पढ़िये। अभी एक महिला ने हमारे पास कुछ फोटो भेजी एवं ढ़ेरो बातचीत का ऑडियो। फोटो वीडियो कॉल का स्क्रीन शाट में शर्मा जी एकदम प्राकृतिक अवस्था में दिख रहे हैं। फोटो देखिये। पीड़ित महिला बंगला भाषी है,तथा हिन्दी और अंग्रेजी की कम जानती है। उसने PCSC/RPF/S.E.Railway को व्हाट्सएप पर शिकायत की तो उन्होंने महिला बरीय मंसुआ आरपीएफ खड़गपुर को शिकायत करने की सलाह दी। वरीय मंडल सुरक्षा आयुक्त आरपीएफ खड़गपुर ने भी महिला को औपचारिक शिकायत करने की सलाह दी है तथा शिकायत प्राप्त होने पर निरीक्षक पर कठोर कारवायी करने का आश्वासन दिये है। इस संबध में निरीक्षक श्री निवास शर्मा का कहना है कि जब वह बाथरूम में थे तो महिला ने वीडियो काल की थी तथा उसी दौरान साजिशन ये फोटो ले ली थी। जब हमने उन्हें बेड पर बैठे नंगा फोटो दिखाया तो उनका कहना है कि कॉल आने पर बाथरूम से बेडरूम में आ गये थे। जबकि और भी कई फोटो है जो कार्यालय से वर्दी में वीडियो काल का है। श्री शर्मा ने उस महिला द्वारा दिये सबूत को सही माना पर यह बोले की उसे फंसाने की साजिश की गयी। इस संबध में महिला का कहना है कि वीडियो कॉल वे खुद किये थे तथा वीडियो कॉल का दवाब बना रहे थे। वीडियो काल करने या स्वीकार करने एवं महिला द्वारा इंकार करने का कई ऑडियो भी हमारे पास महिला ने भेजी है। व्यभिचारी शर्मा निरीक्षक ऑडियो में अपनी पत्नी के बारे में बोलता है उसका नाम ज्वालामुखी है। यह भी दावा करता है कि करोड़ो की अवैध कमायी से बनाया घर का जिक्र कर रहा। कितने चोर को पकड़ रहा सब कुछ उस महिला को बताकर प्रभावित करने का प्रयास कर रहा है। एक सूत्र ने बताया शर्मा जैसे व्याभिचारी अधिकारी हमेशा मालदार पोस्ट पर तैनाती पाने में सफल रहते हैं। अगर विभाग महिला कांस्टेबल वाले मामले में ही निष्पक्ष और कठोर कारवायी किये रहती तो आज ये स्थिति नहीं होती। उस कांड में सिपाही पर कारवायी प्रक्रियाधीन है पर असली दोषी व्याभिचारी शर्मा बचने में कामयाबी पा गये। उस मामले में भी उच्चाधिकरियों पर उंगली उठी थी। बालबच्चेदार उम्रदराज व्यक्ति होकर शर्मा क्यों बार बार ऐसे कुकर्मी रास्ता अपनाते हैं और अश्लील और घिनौना कर्म करते हैं।इनके बाल बच्चे और पत्नी क्यों नहीं शर्मा का मानसिक ईलाज कराती है? एक सूत्र ने कहा शर्मा जैसे व्यक्ति अपनी तैनाती के लिए, नौकरी को बचाने के लिए,शिकायत को दबाने के लिए व्यभिचारी किस्म के अधिकारियों को सुरा सुन्दरी मुहैया कराकर गॉड फादर बना लेते हैं जो इनकी संरक्षक बन जाता है। जो अधिकारी इस किस्म के होते हैं उन्हें शर्मा जैसे लोगों से संपर्क करवा देते है जो अपनी शौक को शर्मा जैसे अधिकारियों के माध्यम से पुरा करते हैं। जो अधिकारी ऐसे किस्म के नहीं हैं वहां पैरवी कर किसी कांड में फंसने पर बचाने का प्रयास करते हैं। ऐसे संरक्षक अधिकारी की भी पहचान होनी चाहिए। शर्मा के बिरूद्ध इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि श्री शर्मा महिलाओं की दलाली या सप्लाई करने वाले किसी रैकेट से तो नहीं जुड़े हैं। गार्डेनरीच वाले मामले में महिला आरक्षी का बयान 164 के तहत न्यायालय तक में हो चुका था उसके बाद भी क्लीन चीट महिला द्वारा लिखवा कर पाने में कामयाब हो गये। विभाग के उच्च अधिकारी क्यों नहीं महिला आरक्षी के बिरूद्ध न्यायालय या विभागीय स्तर पर कारवायी की कि एक बार मजिस्ट्रेट के सम्मुख बयान देकर कैसे मुकरी। सवालक्या शर्मा अपने घर में नंगे घुमते हैं या बाथरूम में नंगे जाते हैं? इनकी बात क्या आपको विश्वसनीय प्रतीत होती है? वीडियो कॉल में भी चेहरा दिखता है,जब तक की कैमरा का फोकस नीचे न करे। इन्होंने जानबूझकर पुरे नग्न शरीर का फोटो दिखाया। ये जब कैमरे का फोकस अपने गुप्तांग पर करते हैं तो इनका चेहरा कैमरा फोकस से कट कर ओझल हो जाता है। अपनी छोटे से एक इंच वाले गुप्तांग को दिखाने में इन्हें शर्म नहीं आयी। कहीं ये छोटे गुप्तांग के इनके भीतर हीन भावना घर कर गयी है। कुकर्मी शर्मा एक मानसिक बिमार व्यक्ति है तथा ये महिलाओं के लिए एक असुरक्षित व्यक्ति हैं। शर्मा का बार बार होने वाला महिलाओं के विरूद्ध घृणित कृत्य आरपीएफ की प्रतिष्ठा को दागदार करने वाला कांड है ये। अधिकारियों को विभाग की प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए इस व्यक्ति पर कठोर कारवायी होनी चाहिए। इस व्यक्ति से विभाग की न महिलाएं सुरक्षित है और न बाहर की महिलाएं। पत्ता नहीं घर की महिलाओं बच्चियों रिश्ते नाते कितने सुरक्षित होंगे। उम्मीद तो बिल्कुल नहीं। भारत में महिलाओं से संबधित अपराध की रिपोर्टिंग की सख्या अभी भी काफी कम है। आर्थिक रूप से कमजोर महिला भी अपनी बदनामी और धमकी से डर रही है । इस महिला को भी धमकी मिल रही है तथा काफी डरी सहमी है। एक तरह “मेरी सहेली” नामक अभियान से अकेली महिला यात्रियों को सुरक्षा प्रदान कर आरपीएफ विभाग काफी ख्याति , प्रतिष्ठा और प्रशंसा बटोर रही है,वही ऐसे मानसिक बिमार अधिकारी सारे ख्याति , प्रतिष्ठा और प्रशंसा पर अपने कुकर्मों से पानी फेरने पर लगे हुए हैं। वरीष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त को आश्वासन के अनुरूप कुकर्मी शर्मा पर कठोर कारवायी कर उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए। सीधे बरखास्तगी वाला आरपीएफ नियम कहां है?क्यों नहीं ऐसे कुकर्मी व्याभिचारी प्रवृति के अधिकारी पर उस नियम के तहत कारवायी की जाती है। शर्मा ने स्वीकार वीडियो कॉल के स्क्रीन शॉट को सत्य स्वीकार किया है। अगर इस महिला के जगह पर कोई दुश्मन देश का जासूस रहता और व्यभिचारी शर्मा सेना में रहते तो देश की सुरक्षा से संबधित सामग्री दुश्मन देश के हाथों दे देतें। उस परिस्थिति में क्या विभागीय अधिकारी दुश्मन देश की महिला से औपचारिक शिकायत की अपेक्षा करते। जबकि श्री शर्मा ने स्क्रीन शाट को सत्य बताया है। हनी ट्रेप क्या होता है? ये आरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों को मालूम नहीं? अगले अंक में ऑडियो सुनिये।
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